22 अगस्त 2020 को है गणेश चतुर्थी आइए जानते हैं कैसे मनाते हैं कैसे भगवान गणेश की पूजा करते हैं
भगवान गणेश बुद्धि और विवेक के देवता हैं और समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाले हैं मनोवांछित फल प्रदान करने वाले गणेश चतुर्थी का व्यक्ति एक विशेष प्रयास माना गया है इस दिन सभी लोग भगवान गणेश का पूर्ण विधि विधान से पूजन करते हैं और भगवान गणेश से अपने मनोवांछित फल प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं ऐसा माना गया है जो भी गणेश चतुर्थी का प्रयास पूर्ण विधि विधान से पालन करता है उसे भगवान गणेश समस्त सुख सम्पत्ति का को प्रदान करते हैं भगवान गणेश उसे धैर्यवान सुखी समृद्ध विवेकशील विद्या वाहन और जागरूक बना देते हैं
गणेश चतुर्थी व्रत करने की विधि
देवी देवताओं को प्रायः बॉस सारे पोषक पर आदी अर्पण करने का विधान है लेकिन गणेशजी को मुख्यतः दूर्वा अर्पण की जाती है अपनी स्वेच्छा के अनुसार कुछ प्रसाद ले लें कि गणेशजी को लड्डू बहुत पसंद है यदि संभव हो सकी तो लड्डू का प्रसाद ले लें या कोई भी प्रसाद ले सकते हैं पंचमेवा लेले और पान ले. अब अपने मन में संकल्प करें की आप का व्रत पूर्ण हो आपको गणेशजी का नाम ले और उन्हें भोग अर्पण करें इसके बाद भोग का आधा हिस्सा दान कर दे
गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व
पुराणों में गणेश चतुर्थी के व्रत की बहुत सी कहानियां मिलते हैं इनमें से प्रमुख कहानियाँ ये हैं
कहते हैं कि जब पार्वती माता भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रही थी तो भी भगवान शिव उनसे प्रश्न नहीं हुए तब माता पार्वती ने गणेश चतुर्थी व्यक्त किया था और इसके बाद ही माता पार्वती और शिव जी का विवाह हुआ
एक था ये भी है की जब हनुमानजी माता सीता की खोज करने के लिए जाने वाले थे तब उन्होंने श्रीगणेश जी का चतुर्थी के दिन व्रत किया था इसके बाद ही उन्हें माता सीता का पता लगा
चतुर्थी व्रत के लाभ
पुराणों में ऐसा कहा गया है कि किसी भी बात को कम से कम 11 साल करना चाहिए परंतु आप गणेश चतुर्थी के व्रत को तीन वर्ष तक भी कर सकते हैं जिनका विवाह नहीं हो रहा होता है इस व्रत को करने से उसका विवाह भी हो जाता है ऐसी मान्यताएं हैं