पितृ पक्ष प्रारंभ 2020 सितंबर: कथा महत्व एवं फल

0
people in the river waving their hands in the water

पितृपक्ष प्रारंभ 2 सितंबर 2020
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहते हैं माना जाता है कि मृत्यु के देवता यमराज पितृपक्ष में पितरों को मुक्त कर देते हैं ताकि बे अपने परिवार जनों के यहां जाकर तर्पण स्वीकार कर सकें कहा जाता है कि पितृपक्ष के इन दिनों में पितृ अपने अपने घरों में आते हैं इसलिए परिवार के लोग उनका तर्पण किया करते हैं

पितृ पक्ष प्रारंभ 2020 की पूजा विधि


पितृपक्ष के पितरों को समर्पित इन दिनों में प्रत्येक दिन पितरों के लिए अलग से खाना निकाल कर रखा जाता है और उनकी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है कहा जाता है कि पितरों के इन दिनों में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं और कपड़े आदि भी नहीं खरीदे जाते हैं

पितृ पक्ष प्रारंभ 2020 की कथा

इन दिनों में पितरों को तर्पण करना बहुत आवश्यक होता है तर्पण का समय दोपहर 11:00 से 12:00 तक माना जाता है इसमें तर्पण के लिए सामग्री गंगाजल तुलसी काला तिल और ताम्रपत्र के द्वारा तर्पण किया जाता है और इन दिनों में अपने पितरों की पसंद की भोजन बनाए जाते हैं और गाय और कौवे के लिए भी उसमें से कुछ भोजन निकाला जाता है इन दिनों में तिल वस्त्र स्वर्ण एवं फलों का दान किया जाता है जिन लोगों को अपने पितरों की देहावसान की तारीख पता नहीं होती उनका तर्पण अश्विन अमावस्या को किया जाता है

Previous articleभाद्रपद पूर्णिमा 2021: महत्व, पूजा विधि, कथा
Next articleइंदिरा एकादशी, परिवर्तिनी एकादशी 2021
Alok kumar is an Indian content creator who is currently working with many world wide known bloggers to help theme deliver the very useful and relevant content with simplest ways possible to their visitors.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here